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Monday, September 5, 2016

भजन


                   
                          ओ दुनिया वालों दमन फैला लो मेरी दुर्गे मैया चली आ रही हैं,
                          चली आ रही है, चली आ रही है पहाड़ों से मैया चली आ रही है।

१. दुष्टों को मारा मैया तुमने संहारा, दिया मान भक्तों को तुमने सहारा-२
                            भक्तों के संकट मिटाने वाली माँ अमृत बहाती चली आ रही है--

२. अंधे को नैना, कोढ़ी को काया, बाँझिन को पुत्र मैया निर्धन को माया-२
                         लूट लो जितना लूट ही जाये खजाना लुटाती चली आ रही है -

३.ऐ  शेरा वाली तेरा सहारा, तू जननी में हूँ बालक तुम्हारा -
                         शेरों की सवारी लगती है प्यारी झूमती  रही है ॥   

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